कोई इतना प्यारा कैसे हो सकता है ! वो भी सारा का सारा कैसे हो सकता है ! तुझसे मिलकर भी अगर उदासी कम नहीं होती ! ........ तेरे बगैर गुजारा कैसे हो सकता है !!
फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम.. प्यार में झलकता जाम हो तुम.. सीने में छुपाए फिरते है हम यादें तुम्हारी.. इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम।